मंजिल को पाने के लिए सपने देखना जरूरी है। विकेंद्रीकरण के इस युग में सपना ही वह कुंजी है, जो हर एक को बांधे रखती है। सभी सफल लीड़सं के पास उस लक्ष्य का सपना होता है, जिसे वे हांस्सिल करना चाहते हैं। यह सपना उनके हर प्रयास और शक्ति के पीछ़े की उरजा बन जाता है, जो उन्हें सभी सभ से सफलतापूर्वक निकलकर ले जाता है। जब लीडर के पास सपना होता है, तो कह एक मिशन पर होता है। लक्ष्य पूरा करने के लिए घंटों मेहनत की जाती है। व्यक्तिगत अधिकार दरकिनार कर दिए जाते हैं, क्योंकि हिस्सों से अधिक महत्वपूर्ण होती है संपूर्ण टीम। समय को पंख लग जाते हैं, मनोबल शिखर पर होता है, असामान्य उपलब्धि की कहानियां जन्म लेती हैं और प्रतिबद्धता मूल सिद्धांत होती है।
क्यों? क्यांक लोडर के पास एक संपना है। एक बार हेलन केलर से पूछा गया, अंधे पैदा होने से भी बुरी बात वया होगी?' उनका जवाब था, 'आखे होने के वाद भी सपने न देखना। यह दुखद है कि बहुत से लोग लीडर के पद पर है, परंतु उनके पास उस संगठन के लिए कोई सपना नहीं है, जिसका वे नेतृत्व कर रहे हैं। सभी महान लीडरों के पास दो चीजें अवश्य होती हैं- वे जानते हैं कि वे कहां जा रहे हैं और साथ हो दूसरों को अपने पीछे आने के लिए राजी करने में वे समर्थ होते हैं।
अपने संगठन के लिए लक्ष्य तैयार करने पर इतना जोर क्यों दिया जाता है? इसके दो कारण हैं- पहला, सपना संगठन की पहचान बन जाता है, उसका विजय उद्घोष बन जाता है। प्रतियोगिता से भरे बाजार में यह स्पष्ट रूप से कहता है कि ग्राहकों का ध्यान खींचने के लिए हल्ला मचा रही आवाजों में आपका एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह आपके अस्तित्व का असली कारण है।
दूसरी बात, सपना नियंत्रण का नया साधन बन जाता है और उस मैन्युअल का रूप ले लेता है जिससे कोई काम शुरू करने में बाधा होती है। विकेंद्रीकरण के इस युग में सपना ही वह कुंजी है, जो हर एक को बांधे रखती है। लोग किसी सपने के पीछे नहीं चलते, वे उस लीडर के पीछे चलते हैं, जिसके पास एक सपना होता है और साथ ही उसे सपने को अच्छी तरह से संप्रेषित करने की योग्यता होती है।