समस्याओं से भागने से वे आपसे दूर नहीं होतीं, बल्कि दुगने जोर के साथ वापस आती हैं। मैं जब ग्यारहवीं कक्षा में था, तो मुझे अपनी साइंस की किताब खोलना बिलकुल नहीं सुहाता था और मैं हमेशा अपने पसंदीदा विषय गणित में ही लगा रहता था। मुझे गणित के सवाल करना अच्छा लगता था, पर मैंने साइंस के बारे में कभी ध्यान नहीं दिया। जब परीक्षा नजदीक आई, तो मुझे घबराहट होने लगी और मुझे इस विषय की तैयारी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
आप में से बहुत से लोग भी अपनी नापसंद चीजों और समस्याओं से बचने के लिए ऐसा ही कुछ करते होंगे। जब आप समस्याओं से दूर भागते हैं, तो इसका हांगेज यह मतलब नहीं कि वे भी आपसे दूर हो जाती हैं, बल्कि वे तो वापस आकर और ज्यादा ताकत से आपके दरवाजे पर दस्तक देती हैं। मैं साइंस की पढ़ाई से कतराता था, लेकिन परीक्षाएं करीब आने पर मैंने महसूस किया कि महज नापसंदगी के आधार पर मैं इससे बच नहीं सकता।
हमेशा याद रखें:-
(1) समस्याओं से कभी न भागें। कुछ देर शांति से बैठकर विश्लेषण करें कि ऐसा क्यों हुआ और उन चीजों की सूची बनाएं जिनके जरिये इस पर काबू पाया जा सकता है।
(2) समस्या के बारे में ज्यादा न साँचे। इसमें आपका समय ही बर्ाद होगा, जिसे आप इससे निजात पाने में लगा सकते थे।
(3) ऐसे ख्वाब का कोई मतलब नहीं कि कोई और आपकी समस्या से निपट लेगा तथा आपको इसके बारे में कुछ करने की जरूरत नहीं।
(4) अपने डर की ओर भागें और उसका आलिंगन करें, इसके दूसरी ओर बहुत खूबसूरत दुनिया आपका इंतजार कर रही है।
(5) जब आपको लगे कि आप समस्या को हल करने की स्थिति में नहीं हैं या इसके लिए आपमें पर्याप्त काबिलियत नहीं है; तो इसके लिए उचित व्यक्ति की तलाश कर उसे यह जिम्मेदारी सींप दें।
(6) अहंकारी न बनें और समस्या को खत्म कर दें।
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