श्रेय में दूसरों को भी साझेदार बनाएं - Great Satisfaction comes from sharing with others - Behind A Hindi in Story
हर काम अकेले कर लेना संभव नहीं है। सफलता की राह में दूसरों को भी साझेदार बनाते
उनके साथ श्रेय और प्रशंसा बांटें । श्वर उस व्यक्ति के माध्यम से जबर्दस्त काम कर सकता है, जिसे इस बात की परवाह न हो कि श्रेय किसे मिलेगा और वह सभी के साथ श्रेय, शक्ति तथा प्रशंसा बांटने का इच्छुक हो। अतीत में अक्सर यह देखा गया है कि एक से अधिक कंपनियां सफलता के एक निश्चित दौर में पहुंचने के बाद खत्म होने लगीं । आखिर इसका कारण क्या था?
दरअसल जिस व्यक्ति ने बिजनेस शुरू किया और विकसित किया, वह ऐसे बिंदु पर पहुंच गया, जहां वह अकेले ही पूरे प्रशासन को नहीं संभाल सकता था, परंतु वह अपने दूसरे साथियों को यह काम सौंपने की हिम्मत नहीं जुटा पाया कई लोग दूसरों को काम सौंपने से डरते हैं, क्योंकि ये सोचते हैं।
कि कोई दूसरा उस काम को उतने अच्छे तरीके से नहीं कर सकता, जितनी अच्छी तरह से वे कर सकते हैं। बेहतर यही है कि जय आप ऐसी स्थिति में पहुंच जाएं कि अकेले ही सब कुछ संभालना मुमकिन न हो तो भी अपनी जिम्मेदारियों और कामयाबी में साझेदार बनाएं। किसी दूसरे को अपने से बुरा काम करने दें. बजाय इसके कि काम पूरा ही न हो पाए।
वैसे अमूमन ऐसा नहीं होता कि दूसरा कोई शख्स आपसे बुरा ही काम करेगा। अक्सर दूसरे लोग हमसे बेहतर तरीके से उस काम को अंजाम तक पहुंचाते हुए हमें आश्चर्यचकित कर देते हैं। दूसरों के साथ अपनी भावनाएं बांटें और कृतज्ञता में भी उन्हें साझेदार बनाएं। तहे दिल से 'धन्यवाद' दें, जिन्होंने काम करने में आपकी मदद की। सफलता के बिंदु पर प्रशंसा बांटना न भूलें। 'धन्यवाद' इतना शक्तिशाली शब्द है, जो इसके ग्राही शख्स को खुद के प्रति गौरव के भाव से ओत-प्रोत कर सकता है। इससे वह और भी अच्छा काम करने के लिए प्रेरित होता है। - रॉर्ट एच शुलर
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